Hindenburg न्यूज में क्यों?

 हिडनबर्ग ने भारत को लेकर कल फिर से ट्विटर पर ट्वीट किया था कि “Something big soon India”

अदानी ग्रुप कंपनी के ऊपर रिपोर्ट जारी करने के 1 साल के बाद हिडेनबर्ग ने दूसरी रिपोर्ट जारी की है। हिंडनबर्ग की इस नई रिपोर्ट, में SEBI चेयरमैन माधवी पुरी बुच और अडानी ग्रुप के बीच  कनेक्शन बताया गया है। 




Hindenburg ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों से पता चला है कि सेबी चेयरमैन माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के पास गौतम अडानी के 'पैसे की हेराफेरी' में इस्तेमाल किए गए दो ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। रिपोर्ट के अनुसार, दंपति ने बरमूडा और मॉरीशस फंडों में गुप्त हिस्सेदारी रखी थी, जो अदाणी ग्रुप की ओर से इस्तेमाल की जाने वाले एक फाइनेंशियल स्ट्रक्चर का हिस्सा थे।



हालांकि SEBI अध्यक्ष माधवी पुरी बुच और गौतम अडानी ने इन आरोपों को गलत बता कर खारिज कर दिया है। माधवी पुरी बुच ने कहा है कि मेरा किन कम्पनियों में इन्वेस्ट है सबके सामने है, यह सब हमारा चरित्र खराब करने की मनसा से किया जा रहा है। 



ऑफशोर क्या होता है ?


ऑफशोर  किसी देश की सीमा से बाहर स्थित कोई ऐसी कम्पनी जहां पर व्यापारिक या वित्तीय गतिविधियों को आयोजित किया जाता है। ऑफशोर अक्सर टैक्स हेवन देशों में स्थित होते हैं, जहां पर कर दरें कम होती हैं या व्यापारिक गतिविधियों पर कोई कर नहीं लगता है।


ऑफशोर फंड क्या होता है ?


ऑफशोर फंड एक प्रकार का निवेश माध्यम है। जिसमें व्यक्तिगत या संस्थागत निवेशक अपने पैसे का निवेश करते हैं। ऑफशोर फंड अक्सर उन निवेशको को अकर्षित करता है जो अपने निवेश से अधिक रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं और जो अपने देश में टैक्स से बचना चाहते हैं और पैसे को टैक्स हेवन देशों में रखना चाहते हैं।


ऑफशोर फंड के फायदे हैं:


  • ऑफशोर फंड अक्सर टैक्स हेवन देशों में स्थित होते हैं, जहां पर व्यापारिक गतिविधियों पर या तो कोई कर नहीं लगता है या कर दरें काफी कम होती हैं।


  • दूसरा ऑफशोर फंड अक्सर गोपनीयता प्रदान करते हैं, जो इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाता है।


  • ऑफशोर फंड अक्सर विभिन्न प्रकार के फंडों निवेश कर सकते हैं, जो  निवेशकों के पोर्टफोलियो को विविध बनाने में मदद करता है।



 ऑफशोर फंड के नुकसान:


  • ऑफशोर फंड अक्सर उच्च जोखिम वाले होते  हैं, जो निवेशकों के पैसे को खतरे में डाल सकता है।


  • ऑफशोर फंड अक्सर गैर-पारदर्शी होते हैं, जिससे निवेशको को अपने पैसों की निगरानी करना मुश्किल हो सकता है।


  • ऑफशोर फंड अक्सर कम नियमित होते हैं, जो कि निवेशकों के पैसे को खतरे में डाल सकता है।



हिडेनबर्ग  के बारे में :


हिडेनबर्ग अमेरिका की एक शॉर्ट सेलिंग कंपनी है जिसके  संस्थापक Nate Anderson हैं। हिडेनबर्ग (Hindenburg) अपनी टीम बनाकर उस कंपनी  को टारगेट करते हैं जिस पर  इन्हें लगता कि यह कंपनी कानूनी और नैतिक नियमों का पालन नहीं करती है। उस कंपनी के बारे में हिडेनबर्ग टीम रीसर्च कर एक रिपोर्ट तैयार करती है। हिडेनबर्ग टीम यह रिपोर्ट तुरंत जारी नहीं करती है।हिडेनबर्ग टीम कंपनी के शेयर धारको से मिलती है और उन्हें इस रिपोर्ट के बारे में बताती है। फिर यहीं से शुरू होता है उस कंपनी के शेयरों की शॉर्ट सेलिंग का खेल। हिडेनबर्ग कंपनी  शॉर्ट सेलिंग से अच्छी खासी कमाई करती है। उसके बाद रिपोर्ट को जारी किया जाता है जिससे बाजार में टारगेटेड कंपनी की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और उसके  शेयर की वैल्यू गिर जाती है।शॉर्ट सेलिंग (Short selling) कंपनियां ऐसे ही कमाई करती हैं।